रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखने का निर्णय लिया है। यह फैसला मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लिया गया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि मौद्रिक नीति का रुख अभी तटस्थ रहेगा, जिससे कर्ज लेने वालों की ब्याज दरों पर फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा।
अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि GST सुधारों से आम उपभोक्ताओं को राहत मिलने की संभावना है। सरकार ने वस्तुओं और सेवाओं पर लागू किए गए GST के स्लैब में संशोधन किया है, जिससे रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में कमी आएगी।
मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई दर का अनुमान 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया है, जो GST सुधारों का सीधा असर माना जा रहा है। इससे उपभोक्ता वस्तुओं के दामों में कमी आएगी और खरीदी शक्ति में सुधर होगा।
RBI ने यह भी कहा है कि आर्थिक विकास को कायम रखने के लिए सतर्कता जरूरी है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच यह कदम संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
GST सुधारों के कारण घरेलू बाजार में मांग बढ़ने और महंगाई नियंत्रण में मदद मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
