आज शेयर बाजार में फिर दिखी गिरावट: निवेशकों की सांसें अटकीं

भारतीय शेयर बाजार आज लगातार दूसरे दिन दबाव में रहा। सुबह हल्की तेजी के साथ शुरुआत हुई थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, बिकवाली का दबाव बढ़ता गया और अंत में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में बंद हुए।"

share market crash sept 26 2025

आज बाजार का हाल

  • सेंसेक्स (Sensex): करीब 733 अंक गिरकर 80,426 पर बंद हुआ।
  • निफ्टी 50 (Nifty 50): लगभग 236 अंक टूटकर 24,654 पर बंद हुआ।
  • बैंक निफ्टी: करीब 586 अंकों की गिरावट के साथ कमजोर बंद हुआ।

 गिरावट के पीछे क्या वजह रही?

  • वैश्विक संकेत कमजोर: अमेरिकी और एशियाई बाजारों में बिकवाली देखने को मिली, जिसके कारण भारतीय बाजारों पर दबाव बढ़ा।
  • कच्चे तेल की कीमतें बढ़ीं: ब्रेंट क्रूड लगभग 66 से 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास ट्रेड कर रहा है, जिससे महंगाई और ब्याज दरों को लेकर चिंता बनी हुई है।
  • अमेरिका की नई टैरिफ नीति: अमेरिका ने फार्मा और अन्य सेक्टर्स पर कड़े टैरिफ लगाए, जिससे निवेशकों का विश्वास प्रभावित हुआ।
  • बैंकिंग और आईटी सेक्टर पर दबाव: HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank और Infosys, TCS जैसे IT दिग्गजों के शेयरों में बिकवाली देखी गई।
  • फार्मा सेक्टर में बिकवाली: Sun Pharma, Cipla समेत फार्मा कंपनियों के शेयरों में भी दबाव रहा।FMCG सेक्टर में थोड़ा दबाव से बचाव दिखा, लेकिन Hindustan Unilever समेत कई शेयर बिकवाली के दबाव में थे।
  • मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में कोई खास सुधार नहीं दिखा। बाजार की घबराहट के बीच इनमें भी बिकवाली देखी गई, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा।


विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैश्विक संकेतों, कच्चे तेल की कीमतों और अमेरिका की फॉरेन टैरिफ नीति का बाजार पर प्रभाव बना  रहेगा।

  • आने वाले दिनों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
  • शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को स्टॉप-लॉस के साथ ट्रेडिंग करने की सलाह दी जाती है।
  • लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए ये गिरावट अच्छे स्टॉक्स को डिस्काउंट पर खरीदने का मौका हो सकती है।

निवेशकों के लिए सुझाव

घबराकर बिकवाली न करें।
मजबूत कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करें।
पोर्टफोलियो में विविधीकरण बनाए रखें।
छोटे और मध्यम आकार के स्टॉक्स पर भी नजर रखें, क्योंकि ये बाजार को समर्थन दे सकते हैं।

आज का दिन शेयर बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण था। वैश्विक संकेत, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और अमेरिकी टैरिफ नीति का दबाव बाजार पर असर बनाए रख सकता है


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